Fascination About hindi kahani

hindi kahani

जैसे–जैसे बच्चे बड़े होते हैं, आपको उनमें एक अलग ही व्यक्तित्व दिखाई देगा। क्योंकि बच्चे हर दिन नई आदतों को विकसित करने की प्रवृत्ति रखते हैं। जैसे–जैसे दिन आगे बढ़ता जाता है, आपका बच्चा संभवतः एक पुरानी आदत को पीछे छोड़ देगा और किसी नई आदत को अपनायेगा या पुरानी आदत का एक नया रूप लेगा।

किन्तु दूसरा सिंह अपने दुर्ग में बैठा हैं, दुर्ग से बाहर आकर उसने हमारा रास्ता रोका था.

अचानक मनीषा का एक हाथ छुट गया और पानी के साथ बहने लगा. शीला घबराई उसने तुरंत अपना बस्ता अपने साथी को थमाया और तेजी से तैरने लगी.

खेत का मालिक मुह उतारकर आकाश में उड़ती हुई कुरज को एकटक देखता रहा.

यह सोचकर वे उनके निकट गये और उन्हें संबोधित करते हुए बोले- हे भद्र पुरुषों !

सारी स्थति स्पष्ट थी. प्रजापति ने कहा- देवता ही श्रेष्ट हैं जानते हो क्यों ?

यहकहकर खरगोश भासुरक को उसी कुए के पास ले गया, जहाँ झुककर उसने अपनी परछाई देखि.

सेठ लड़के की आवाज सुनकर घबरा गया उसने तुरंत लड़के को जगाया और पूछा क्या बात हैं अभी क्या कह रहा था तू?

तीनो ने पूरी बात बुड्ढ़े को बताई, वह बुड्ढा बोला- अरे, बस इतनी सी बात बड़ा आसान उपाय हैं.

क्या किसी ने देखा? सभी ने इनकार में सिर हिलाया.

प्यार की हद तो देखो.... पप्पू - मैं तो गर्म चाय भी इसलिए ठंडी करके पीता हूं.

दोनों संदीपन गुरु के आश्रम में पढ़ते थे. दोनों में प्रगाढ़ मित्रता थी. एक बार गुरुमाता ने उनको वन से लकड़ी लाने भेजा.

वैसे तो उसको यह कीमत कुछ ज्यादा ही लगी, मगर अपने वतन की लाज रखने की खातिर उन्होंने वो एक सूत्र खरीद लिया.

कुरज की यह करुण विनती सुनकर उदरे का ह्रदय फट सा गया. उसकी आँखों में आंसू छलछला से गये. खेत के लोभी मालिक पर उसे बहुत गुस्सा आया,फिर भी उसने संयत स्वर में उससे विनती की- यदि तू इस कुरज को छोड़ दे तो मै तुम्हे एक सोने की माला दूंगा. पुरे एक सौ आठ मनको की.

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